मृत्यु के पीछे का विज्ञान : आत्मा और पुनर्जन्म

मृत्यु क्या है? मृत्यु के समय क्या होता है? मृत्यु के पश्चात क्या होता है? मृत्यु के अनुभव के बारे में कोई किस प्रकार बता सकता है? मृत व्यक्ति अपना अनुभव नहीं बता सकता, जिनका जन्म हुआ है उन्हें अपने पिछले जन्म के बारे में कुछ याद नहीं, कोई नहीं जानता कि जन्म से पहले और मृत्यु के बाद में क्या होता है। परम पूज्य दादा भगवान ने अपने ज्ञान द्वारा मृत्यु के रहस्य ज्यों के त्यों अनावृत किए है।

क्या पुनर्जन्म एक सच्चाई है? ड़ारविन के उत्पत्ति के नियम के अनुसार जीवन एक कोशीय जीव से शुरू होकर मनुष्य में पहुँचने तक विकसित होता है। इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उसके बाद में क्या होता है। दादाश्री वैज्ञानिक तरीके से पुनर्जन्म के बारे में समझाते हैं।

आत्मा के अस्तित्व में विश्वास के बिना पुनर्जन्म को कैसे समझा जा सकता है? जब आत्मा का स्वरूप समझ में आ जाएगा तो सभी पहेलियाँ सुलझ जाएँगी। पहले आत्मज्ञान प्राप्त कर लें और उसके बाद सभी पहेलियाँ सुलझ जाएँगी।

आत्मा कभी भी मरता नहीं है, लेकिन जब तक आप आत्मभाव में नहीं आ जाते, आपको मृत्यु का डर बना रहेगा।

जब मृत्यु के बारे में सभी तथ्य पता चल जाएँगे, तो मृत्यु का डर गायब हो जाएगा। मृत्यु के रहस्य जानने के लिए पढ़ें.....

 

 

 

 

मृत्यु के रहस्य

हम हमारे कर्म के अनुसार लोगों से मिलते और बिछड़ते है|जब हम शोक करते है तब हमारे सपंदन मृत व्यक्ति के आत्मा तक पहुचकर उन्हें कष्ट देते है| इसलिए हमें उनके आत्मा की प्रगति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए|

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Top Questions & Answers

  1. Q. मृत्यु क्या है?

    A. प्रश्नकर्ता : मृत्यु क्या है? दादाश्री : मृत्यु तो, ऐसा है न, यह कमीज़ सिलवाई अर्थात् कमीज़ का जन्म... Read More

  2. Q. मृत्यु क्यों होती है?

    A. प्रश्नकर्ता : तो मृत्यु किस लिए आती है? दादाश्री : वह तो ऐसा है, जब जन्म होता है, तब ये... Read More

  3. Q. क्या आपको मृत्यु का डर नहीं है?

    A. यह निरंतर भयवाला जगत् है। एक क्षणभर के लिए भी निर्भयतावाला यह जगत् नहीं है और जितनी निर्भयता लगती... Read More

  4. Q. मृत्यु के अंतिम घंटों में क्या होता है?

    A. मरते समय सारी ज़िन्दगी में जो किया हो, उसका सार (हिसाब) आता है। वह सार पौना घंटे तक पढ़ता रहे, फिर... Read More

  5. Q. क्या वास्तव में पुनर्जन्म है?

    A. प्रश्नकर्ता : जीवात्मा मरता है, फिर वापस आता है न? दादाश्री : ऐसा है न, फॉरेनवालों का वापस नहीं... Read More

  6. Q. क्या मृत्यु के बाद जीवन है?

    A. दादाश्री : मृत्यु के बाद जन्म और जन्म के बाद मृत्यु है, बस। यह निरंतर चलता ही रहता हैं! अब यह जन्म... Read More

  7. Q. आत्मा जब शरीर को छोड़कर जाता है, उसके बाद क्या होता है?

    A. प्रश्नकर्ता : यानी यह देह छोड़ना और दूसरा धारण करना, उन दोनों के बीच में वैसे, कितना समय लगता... Read More

  8. Q. क्या मनुष्य का जन्म हमेशा मनुष्य योनि में ही होता है?

    A. प्रश्नकर्ता : मनुष्य में से मनुष्य में ही जानेवाले हैं न? दादाश्री : वह खुद की समझ में भूल है।... Read More

  9. Q. क्या यह सच है कि कोई व्यक्ति मनुष्य योनि में से जानवर योनि में जा सकता है?

    A. प्रश्नकर्ता : 'थियरी ऑफ इवोल्युशन' (उत्क्रंतिवाद) के अनुसार जीव एक इन्द्रिय, दो इन्द्रिय ऐसे... Read More

  10. Q. क्या ज्ञान प्राप्ति का आनंद इसी जन्म तक सीमित है?

    A. प्रश्नकर्ता : मात्र यह सनातन शांति प्राप्त करे तो वह इस जन्म के लिए ही होती है या जन्मों जन्म की... Read More

Spiritual Quotes

  1. मृत्यु का भय तो अहंकार को रहता है, आत्मा को कुछ नहीं। अहंकार को भय रहता है कि मैं मर जाऊँगा, मैं मर जाऊँगा।
  2. यह देह है, वह आत्मा की अज्ञान दशा का परिणाम है।
  3. जन्म-मरण अर्थात् उसके कर्म का हिसाब पूरा हो गया, एक अवतार का जो हिसाब बांधा था, वह पूरा हो गया, इसलिए मरण हो जाता है।
  4. ज्ञानी पुरुष जब कॉज़ेज़ बंद कर देते हैं, तब सिर्फ इफेक्ट ही भुगतने का रहा। इसलिए कर्म बंधने बंद हो गए।
  5. मनुष्यदेह जो सार्थक करना आया तो मोक्ष की प्राप्ति हो सके।
  6. यह एक्सपायर होना, उसका मतलब क्या है, समझता है? बहीखाते का हिसाब पूरा होना, वह। इसलिए हमें क्या करना है? हमें बहुत याद आए वह, तो वीतराग भगवान से कहना कि उसे शांति दीजिए।
  7. अर्थात् 'कॉज़ेज़ इस भव में होते हैं। उसका 'इफेक्ट' अगले जन्म में भोगना पड़ता है!
  8. जो अहंकार है न, उसे आवागमन है। आत्मा तो मूल दशा में ही है। अहंकार फिर बंद हो जाता है, इसलिए उसके फेरे बंद हो जाते है!
  9. यहाँ तो कानून यह है कि जिसने बिना ह़क का लिया, उसके दो पैर के चार पैर हो जाएँगे।
  10. ऐसा है न, भगवान की दृष्टि से इस संसार में क्या चल रहा है? तब कहे, उनकी दृष्टि से तो कोई मरता ही नहीं। भगवान की जो दृष्टि है, वह दृष्टि यदि आपको प्राप्त हो, एक दिन के लिए दें वे आपको, तो यहाँ चाहे जितने लोग मर जाएँ, फिर भी आपको असर नहीं होगा, क्योंकि भगवान की दृष्टि में कोई मरता ही नहीं है।

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