अक्रम विज्ञान, एक ऐसा आध्यात्मिक विज्ञान है जो व्यवहार में उपयोगी है और मोक्ष प्राप्ति के लिए एक ‘शार्टकट’ रास्ता है।
अधिक पढ़ें20 मई |
19 मई | to | 21 मई |
दादा भगवान फाउन्डेशन प्रचार करता हैं, अक्रम विज्ञान के आध्यात्मिक विज्ञान का – आत्मसाक्षात्कार के विज्ञान का। जो परम पूज्य दादा भगवान द्वारा बताया गया है।
अधिक पढ़ेंअहमदाबाद से २० की.मी. की दूरी पर सीमंधर सिटी, एक आध्यात्मिक प्रगति की जगह है| जो "एक स्वच्छ, हरा और पवित्र शहर" जाना जाता है|
अधिक पढ़ेंअक्रम विज्ञानी, परम पूज्य दादा भगवान, द्वारा प्रेरित एक अनोखा निष्पक्षपाति त्रिमंदिर।
अधिक पढ़ेंकई सारे लोगो का यह मानना है कि जायदाद मे से ही सुख मिलेगा, परंतु कितने ही धनवान लोगो का जीवन अशांति से भरा हुआ होता है और वे सदैव ही अत्यंत तनाव मे रह रहे होते है | दूसरी और कितने ही लोग एैसे भी है जिन्हें काफी कम वेतन मिलने के पश्चात भी आश्चर्यजनक सुख व शांति से भरपूर जीवन व्यतीत करते है | ऐसी विसंगत का क्या कारण है ? यह कैसे संभव है ?
परम पूज्य दादाश्री कहते थे कि जब भी कोई पूछे कि “मुझे सुख चहिए – तो मै उससे कहता कि “प्रमाणिकता और नैतिकता से जीवन जिओ” | प्रमाणिकता वह धर्म का ऊँचे में ऊँचा प्रकार है, क्यों कि ये भगवान के सिध्धांत अनुसार है | यदि आप प्योर व्यक्ति हो और प्रामाणिकता से जीवन जीते हो, तो आपको अपने कर्मो का अच्छा फल मिलेगा | अगर आप भीतर से प्योर हो तो आपका जीवन सरलता से व्यतीत होगा और यदि आप भीतर से अप्रमाणिक होंगे, तो आपके जीवन में ऐसा प्रतिबिंब पड़ेगा (बुरे परिणाम आऐगे) | यह कुदरत का नियम है |
परंतु इस काल में, अगर हम प्रामाणिक और नैतिक जीवन जिएगें तो लोग हमारा लाभ उठायेगें | सही है ना ! जब हमारे आस–पास उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति छल करना चाहती हो तब हम प्रमाणिक व शुध्ध रहे, यह कैसे संभव है ? जब आप परम पूज्य दादाश्री द्वारा प्रकट किया हुआ प्रमाणिकता और प्योरिटी के पीछे का विज्ञान पढ़ेंगे तब आप यह प्रश्नों के उत्तर जानकर आश्चर्य चकित रह जाएगे |
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