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घर में वादविवाद को कैसे टालें?

प्रश्नकर्ता : कईबार घर में बड़ी लड़ाई हो जाती है, तो क्या करें?

दादाश्री : समझदार व्यक्ति हो न तो लाख रुपये दें, तो भी झगड़ा नहीं करे। और यह तो बिना पैसे के झगड़ा करते हैं। तो वे अनाड़ी नहीं तो क्या है? भगवान महावीर को कर्म खपाने के लिए साठ मील चलकर अनाड़ी क्षेत्र में जाना पड़ा था। और आज के लोग पुण्यशाली हैं कि घर में ही  अनाड़ी क्षेत्र है! कैसे धन्यभाग्य! यह तो अत्यंत लाभदायी है, कर्म खपाने के लिए, यदि सीधा रहे तो।

घर में सामनेवाला पूछे, सलाह माँगे, तब ही जवाब देना चाहिए। बिना पूछे सलाह देने बैठ जाओ तो  उसे भगवान ने अहंकार कहा है। पति पूछे कि, 'ये प्याले कहाँ रखने हैं?' तो पत्नी जवाब देती है कि, 'फलानी जगह पर रखो।' तो हमें वहाँ पर रख देने चाहिए। उसके बदले वह कहे कि, 'तुझे अक्कल नहीं, यहाँ वापिस कहाँ रखने को तू कहती है?' तब फिर पत्नी कहेगी कि, 'अक्कल नहीं तभी तो मैंने आपको ऐसा कहा, अब आपकी अक्कल से रखो।' इसका कब अंत आए? ये संयोगों के टकराव हैं सिर्फ!

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