टकराव टालो : क्लेश मुक्त जीवन के लिए सबसे सरल चाबी

“टकराव टालो “

यह क्लेश निवारण की सबसे सरल तकनीक है। यह चाबी आपके दैनिक जीवन को अत्यधिक शांति और एकता से भर देगी।

चलो हम समझते है , नीचे दी गयी दो अलग-अलग परिस्थितियों में किस प्रकार टकराव से निपटना है और टकराव से बचने के लिए की यह तकनीक दोनों परिस्थितियों में कैसे उपयोग करनी है।

परिस्थिति १- जब आप किसी के साथ टकराव करते है:

मान लो आपका सिर दीवार से टकराता है, तो आपको दुःख होगा, लेकिन दीवार को कुछ नहीं होता है। इसी तरह जब आप का किसी ओर के साथ मतभेद होता है तो आप क्लेश का सृजन कर रहे हो और परिणाम स्वरूप अपने को ही नुकशान पहुंचा रहे हो।

परिस्थिति २ : जब कोई आपके साथ झगड़ा (टकराव) करता है:

जब एक मोटा सा, आवेश में आया हुआ बैल आपके सामने आता है, भले ही आप राजा हो तो भी अपने आपको चोट से बचाने के लिए, आपको हटना पड़ेगा। जब ऐसी परिस्थितयां जीवन में आती है, तब आपको दुसरे व्यक्ति साथ मतभेद से बचना चाहिए और हट जाना पड़ेगा ताकि आपको को दुःख न पहुंचे।

इन दी गई तकनीकों का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करके, अपने आसपास का वातावरण क्लेश मुक्त बना सकते है। परम पूज्य दादाश्री ने टकराव टालने के पीछे का विज्ञान हमारे सामने प्रकट किया है, जिसे हम यहां पढ़ेंगे।

Adjustments in Life

If you don't adjust in your life, adjust with people willingly then people will make you adjust forcingly. You have to take maximum adjustment with your spouse as you are with her for 24 hours.

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Top Questions & Answers

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Spiritual Quotes

  1. प्रत्येक टकराव में हमेशा दोनों का नुकसान होता है। आप सामनेवाले को दुःख पहुँचायेंगे तो साथ साथ, वैसे ही, उसी क्षण आपको भी दुःख पहुँचे बगैर नहीं रहेगा। यह टकराव है।
  2. अपने खुद के नियमों और अर्थघटन के मुताबिक चलने के कारण टकराव होते हैं।
  3. टकराव से यह जगत खड़ा हुआ है। उसे भगवान ने, 'बैर से खड़ा हुआ है,' ऐसा कहा है।
  4. भले ही कोई हम से टकराये पर हम किसी से नहीं टकरायें, इस तरह रहें तो 'कॉमनसेन्स' उत्पन्न होगा।
  5. मतभेद मतलब तकरार और टकराना, यह हमारी "कमज़ोरी" है।
  6. इस दुनिया में जहाँ कहीं भी टकराव होता है, वह आपकी ही भूल है।
  7. टकराव, वह हमारी ही अज्ञानता है। भगवान की नज़र में सही और गलत ऐसा कुछ नहीं होता।
  8. टकराव की परिस्थिति में यदि अक्रम विज्ञान के सिद्धांतों के मुताबिक चला जाए तो आध्यात्मिक प्रगति होगी।
  9. जीवन की सभी परिस्थितियों में टकराव टालिए। टकराव - टकराव मुक्त जीवन ही जीते जी मोक्ष है।
  10. यदि सामनेवाला कोई भूल करे तो उसकी कोई गलती नहीं है; परंतु जब क्लेश होता है, तब उसके भयंकर परिणाम आते हैं। जहाँ क्लेश होता है, वहाँ भगवान नहीं रहते।

 

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